पर्यटन

CharDham Yata 2023 : 26 तीर्थ यात्रियों ने गंवाई जान, सेहत का जरूर रखें ख्याल

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2023 शुरू हो चुकी हैं। भक्त लगातार दर्शनों के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। लेकिन ये बात भी सत्य है कि चारधाम यात्रा इतनी भी आसान नहीं है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री सहित चारों धामों में दर्शन के दौरान 26 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ज्यादातर यात्री 60 से ज्यादा उम्र के थे। ऐसे में यात्रा पर जाने से पहले सेहत का जरूर ख्याल कर लें ताकि यात्रा के दौरान किसी तरह की समस्या न हो। एमपी, यूपी, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान आदि राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्री सतर्क रहें। इस समस्या से निपटने के लिए इस बार सरकार ने 55 से अधिक उम्र के लोगों के लिए बीमारी की जानकारी देने के साथ ही स्क्रीनिंग फार्म भरना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को, केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल को और बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोल दिए गए थे।
हेल्थ स्क्रीनिंग फॉर्म में यात्री को नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, लम्बाई, वजन के अलावा रक्तचाप, अस्थमा, शूगर, हृदय रोग, सांस में तकलीफ और प्रेग्नेंसी की जानकारी देनी आवश्यक है। उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।

बता दें कि केदारनाथ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के नए पंजीकरण पर 15 मई तक रोक लगा दी गई है। खराब मौसम और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। धाम में दर्शन के लिए रोजाना 23 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

इन बातों का रखें ख्याल
कम से कम सात दिन का टूर बनाएं।
कुछ दिनों तक लोग 30 घंटे तक टहलें या सैर पर निकलें।
यात्रा पर जाने से पहले रोज 10 मिनट सांस से जुड़े व्यायाम करें।
जरूरी दवाएं, स्वास्थ्य उपकरण और गर्म कपड़े साथ रखें।
चलने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मौसम संबंध्जी और हेल्थ पोस्ट की जानकारी जरूर रखें।
यात्रा के दौरान कम से कम दो लीटर तरल पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार भी लें।

ऋषिकेश: राफ्टिंग और कैंपिंग के शौकीन 01 सितंबर से फिर शुरू कर सकेंगे रोमांचक सफर

ऋषिकेश । रोमांच के शौकीनों के लिए 01 सितंबर से राफ्टिंग और कैंपिंग फिर से शुरू की जा रही है। हेंवघाटी, तपोवन और शिवपुरी क्षेत्र में संचालित कैंप फिर से चल सकेंगे। गंगा का जलस्तर बढ़ा तो 30 जून के बाद राफ्टिंग का संचालन बंद कर दिया गया था। जुलाई और अगस्त महीने में बरसात की वजह से पर्यटक पानी के रोमांचक खेलों और नदी किनारे लगे कैंपों से दूरी बना लेते हैं।

केदारनाथ धाम यात्रा में 15 अगस्त पर टूटा रिकॉर्ड

देहरादनू। 06 मई 2022 से केदारनाथ धाम यात्रा का शुभारंभ हुआ। सिर्फ छह दिनों में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया। अब केवल स्वतंत्रमता दिवस पर 9635 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर केदारनाथ यात्रा के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है।
इस यात्राकाल में केदार धाम के दर्शन करने वालों का आंकड़ा 10,080,83 पहुंच चुका है। ये अपने आप में एक नया रिकाॅर्ड है। पहले साल 2019 में 10,00021 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ पहुंचकर बाबा के दर्शन किए थे।
यात्रा की शुरुआत के 26 दिन में ही 04 लाख से अधिक यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। जुलाई से 15 अगस्त तक डेढ़ महीने में ही धाम में 1,76,483 श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की बढ़ी संख्या की वजह से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए पहले से ज्यादा रोजगार के साधन प्राप्त हुए।

मॉनसून के बाद फिर आ सकती है यात्रा में तेजी
केदारधाम यात्रा के संबंध में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि माॅनसून के बाद यात्रा में फिर तेजी आ सकती है। चारधामों में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की है।

कौसानी

चीड़ के पेड़ों से भरे जंगलों में बसा है खूबसूरत हिल स्टेशन कौसानी। नंदा देवी, नंदाकोट और त्रिशूल पर्वतों का नजारा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कौसानी समुद्र तल से 6075 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गरुड़ कत्यूरी, बैजनाथ और सोमेश्वर की घाटियां का नजारा लेना नहीं भूलते। आईए जानते हैं कौसानी की अन्य खासियतों के बारे में…
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रामगढ़

उत्तराखंड के कुमाऊं संभाग में स्थित रामगढ़ समुद्र से करीब 1900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। रामगढ़ आधा शिखर आधा ढलान पर बसा हुआ खूबसूरत हिल स्टेशन है। फलों के बागों की वजह से भी यह जगह काफी मशहूर है, तभी तो इसे फलों का कटोरा के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानें रामगढ़ की अन्य खासियतों के बारे में…
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उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है सुंदर पर्यटन स्थल कानाताल। चंबा– मसूरी हाइवे पर स्थित इस सुंदर गांव की ऊंचाई समुद्र तल 8500 फीट की ऊंचाई है। मसूरी से 38 किलोमीटर दूरी जबकि चंबा से 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह जगह सैरगाह के लिए प्रिसद्ध है। आई जानें कानाताल की अन्य खासियतों के बारे में…
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रूद्रप्रयाग

उत्तराखंड राज्य के जिला रूद्रप्रयाग में स्थति है रूद्रप्रयाग शहर। इसे यह नाम भगवान शिव के रूद्र अवतार के नाम से मिला। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के रूद्र अवतार ने देवर्षि नारद को इसी जगह वरदान दिया था। रूद्रप्रयाग मंदाकिनी और अलकनंदा नदियों के संगम स्थल पर स्थिति है। आइए जानें रूद्रप्रयाग के बारे में…
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अल्मोड़ा

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में सुयाल और कोसी नदी के बीच अल्मोड़ा हिल स्टेशन बसा हुआ है। 5 किलोमीटर लंबी घोड़े की पीठ जैसी दिखने वाली पहाड़ी पर स्थित अल्मोड़ा की ऊंचाई समुद्र तल से 1651 मीटर है। इस जगह की हरियाली से ओतप्रोत जंगल पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। आयिए जाने अल्मोड़ा की अन्य खासियतों के बारे में…
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मोरी

उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित गांव मोरी टोंस नदी के किनारे बसा है। यह क्षेत्र जौनसार बावर में पड़ता है, जो समुद्र तल से करीब 3700 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति है। टोंस नदी तमस नदी के नाम से भी प्रचलित है। यह जगह टोंस घाटी का प्रवेश द्वार भी है। आई जानते हैं गांव मोरी की अन्य खासियतों के बारे में…
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उत्तराखंड राज्य में कुमाऊं क्षेत्र की खूबसूरत सौर घाटी बसा है हिमालय पर्वत माला का प्रवेश द्वार शहर पिथौरागढ़। शहर की पूर्व दिशा में काली नदी के साथ ही नेपाल शुरू हो जाता है। उत्तर में अल्मोड़ा जिला है। पाल और चंद वंश के समय में बने मंदिर और किले देखने लायक हैं। आओ जानें शहर पिथौरागढ़ की अन्य खासियतों के बारे में…
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