मोरी

उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित गांव मोरी टोंस नदी के किनारे बसा है। यह क्षेत्र जौनसार बावर में पड़ता है, जो समुद्र तल से करीब 3700 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति है। टोंस नदी तमस नदी के नाम से भी प्रचलित है। यह जगह टोंस घाटी का प्रवेश द्वार भी है। आई जानते हैं गांव मोरी की अन्य खासियतों के बारे में…

गांव मोरी में स्थित टोंस नदी का महाभारत के चरित्र पाताल लोक के राजा भूब्रूवाहन के साथ बहुत गहरा नाता है। मान्यता है कि भुब्रूवाहन के आंसुओं से ही यह नदी बनी है, इसलिए लोग इस नदी का पानी भी नहीं पीते। मोरी गांव टोंस घाटी का प्रवेश द्वार है। गांव मोरी एशिया के बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक है। आसपास के लोग कौरवों और पांडवों को अपना वंशज मानते हैं। यहां के लोग कौरवों की पूजा भी करते हैं। गांव जाखोल में दुर्योधन का मंदिर है। इसका निर्माण सौर गांव के लोगों ने करवाया। देवदार के पेड़ों का जंगल कैंप लगाने के लिए बहुत सही है। निजी रिसॉर्ट्स लोगों को यहां कैंप की और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवातें हैं।
रिसॉर्ट्स बॉनफायर और बारबेक्यू का भी इंतजाम करते हैं, मोरी की टोंस नदी में कयाकिंग, राफ्टिंग और एंगलिंग का भी आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा जंगल सफारी, ट्रैकिंग और अन्य कई तरह के साहसिक खेलों का भी मजा लिया जा सकता है। टोंस नदी बंदरपुंछ चोटी से निकलती है और यह यमुना नदी की सबसे बड़ी शाखा भी है।

मोरी कैसे जाएं
-आसपास के शहरों से सरकारी और निजी बसें नियमित तौर पर चलती हैं। अन्य साधन भी उपलब्ध हैं।
-देहरादून का रेलवे स्टेशन गांव मोरी का सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है। यहां से सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
-देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई हड्‌डा गांव मोरी से 175 किलोमीटर दूर है। यहां से निजी तौर पर टैक्सी बुक की जा सकती है।

मोरी किस मौसम में जाएं
पर्यटक गांव मोरी जाने के लिए मॉनसून और गर्मियों का समय चुने, तो सही मायने में यहां की सुंदरता और संसाधनों का आनंद लिया जा सकता है।

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