संस्कृति

एकता नगर में श्री रामायण जी का अखंड पाठ 13 अप्रैल को

पटियाला। एकता नगर सेवा समिति (संचालित गढ़माऊँ एकता एवं सेवा समिति की ओर से श्री रामायण जी का अखंड पाठ का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम मां शीतला एवं दुर्गा माता मंदिर नजदीक बन्ने वाला शनि मंदिर में वीरवार, 13 अप्रैल 2023 को आयोजित होगा जबकि शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023 को पाठ के भोग डाले जाएंगे। पहले दिन सुबह 11:00 बजे श्री रामायण जी के पाठ का आरंभ होगा। रात 9:00 बजे कीर्तन एवं भजन किया जाएगा। इसी तरह दूसरे दिन सुबह 11:00 बजे श्री रामायण पाठ के भोग डाले जाएंगे। दोपहर 12:30 बजे अतिथि सत्कार होगी जबकि दोहपर 1:30 बजे प्रभु की रसोई शुरू की जाएगी। यह जानकारी मंदिर कमेटी एकता नगर सेवा समिति ने दी।

अपणि बोलि अपणि भाषा जागरुकता कार्यक्रम 7 अप्रैल को

पटियाला। उत्तराखण्डी भाषा प्रसार समिति की ओर से अपणि बोलि अपणि भाषा जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सदस्य सचिव भारत सिंह नेगी, पंजाब संयोजक उत्तम सिंह बागड़ी ने बताया कि शुक्रवार 7 अप्रैल 2023 सुुबह 11 बजे से गढ़वाल भवन विर्क कॉलोनी पटियाला में अध्यक्ष डॉ. बिहारीलाल जलंधरी की योग्काय अुगवाई में कार्यक्रम होगा। उन्होंने सभी सहयोगी संस्थाओं को समय पर पहुंचने की अपील की।
कार्यक्रम में गढवाल सभा (रजि.) पटियाला के प्रधान भगवति प्रसाद डंगवाल एवं महासचिव विक्रम सिंह पुण्डीर, संरक्षक शूरवीर सिंह पंवार, कुमांऊ सभा (रजि.) पटियाला के प्रधान मोहन शर्मा एवं महासचिव भुवन चन्द मदु, पोड़ी गढ़वाल सभा (रजि.) पटियाला के प्रधान विरेन्द्र पाटवाल एवं महासचिव वीरेंद्र चौहान, संरक्षक रमेश ध्यानी, उत्तरांचल समाज सुधार संस्था (रजि.) पटियाला के प्रधान मुलायम सिंह, महासचिव आशा सिंह रावत, मुख्य सलाहकार उपनयन सिंह, हिलाँस साँस्कृतिक कला मंच (रजि.) पटियाला के प्रधान हरी सिंह भण्डारी, महासचिव बीर सिंह सेनवाल, संरक्षक धीरज सिंह रावत, उतराखण्ड सभा (रजि.) पटियाला के प्रधान जोध सिंह भण्डारी एवं महासचिव भगत सिंह भण्डारी, उतरांचली भ्रात्री समिति (रजि.) आर्दश काॅलोनी के प्रधान रविन्द्र रावत, महासचिव जय शंकर नौटियाल, उतरांचली कल्चर एवं वेल्फेयर सोसाइटी (रजि.) पटियाला के प्रधान रमेश भण्डारी, महासचिव रजिन्द्र पंवार, जन जागरण समिति (रजि.) विकास नगर के प्रधान कुवर सिंह रावत एवं महासचिव सुन्दर सिंह रावत, देव भुमि युवा शक्ति वेलफेयर कल्ब (रजि.) पटियाला के प्रधान आरएस रावत, महासचिव ग्रीस शर्मा, गढमाऊ एकता सेवा समिति (रजि.) पटियाला के प्रधान विजय सकलानी, महासचिव मेहरबान सिंह रावत, उतराखण्ड एकजुट एकमुठ के प्रधान दलवीर सिंह पंवार एवं महासचिव राजिन्द्र सिंह पंवार, सामाजिक कार्यकर्ता शशी पालीवाल, यश पंवार, सरोज बिष्ट पंचायत सदस्य, कमला गोस्वामी पंचायत मेंबर, प्रधान बसंती देवी मौजूद रहेंगीं।

24वां स्थापना दिवस समारोह : सबसे म्यारा मोती ढांगा… गीत पर झूमा उत्तराखंडी समाज

पटियाला। ‘पहाड़ की याद’ कार्यक्रम में उत्तराखंडी समाज गढ़वाली गीतों पर खूब झूमा। सुप्रसिद्ध लोक गायिका सरिता बैनोला एवं गायक राकेश शाह ने पूराने लोकगीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सबसे म्यारा मोती ढांगा…गीत ने तो गांव से जुड़ी यादों को ताजा कर दिया। कोविड की वजह से काफी समय बाद पटियाला में उत्तराखंडी सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम की झलक देखने को मिली।
हिलाँस साँस्कृतिक कला मंच ने अपने 24वें स्थापना दिवस पर एलपीडब्ल्यू ऑडिटोरियम में 2 अप्रंल 2023, दिन रविवार को गारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘पहाड़ की याद’ का आयोजन किया। मुख्यातिथि महारानी परनीत कौर सांसद पटियाला ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उनका साथ पूर्व मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू, भाजपा के शहरी प्रधान केके मल्होत्रा, वेल्फेयर बोर्ड पंजाब के पूर्व चेयरमैन ऊधम सिंह कंबोज ने भी दिया। इसके बाद गायिका सरिता बैनोला और कलाकारों ने गणेश वंदना से प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू किया। एक के बाद एक आकर्षक झलकियों ने दर्शकों को मन मोह लिया। Read More

“पहाड़ की याद” में पीएलडब्ल्यू ऑडिटोरियम में झूमेगा उत्तराखंडी समाज

पटियाला। हिलाँस साँस्कृतिक कला मंच अपना 24वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। इस उपलक्ष्य में रविवार, 2 अप्रैल 2023 को पीएलडब्ल्यू ऑडिटोरियम में दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक भव्य रंगारंग एवं साँस्कृतिक कार्यक्रम ‘पहाड़ की याद’ का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी मंच के संरक्षक धीरज सिंह रावत ने कार्यकारिणी की मीटिंग के बाद दी। मीटिंग में सभी कार्यकारिणी सदस्यों की ड्यूटियां लगाई गईं। कार्यक्रम की सभी तैयारियों का जायजा लिया गया। संरक्षक ने बताया कि समारोह की मुख्यातिथि सांसद महारानी परनीत कौर होंगीं। इस दौरान उत्तराखंडी लोक गाियका सरिता बैनोला और टीम विभिन्न प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगी।

मंच की ओर से विशेष सहयोगियों को किया जाएगा सम्मानित
प्रधान हरी सिंह भंडारी ने बताया कि समारोह के दौरान उन सभी विशेष सहयोगियों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने मंच के कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए हर भरसक प्रयास किए। मंच जहां उनका सम्मान करेगा वहीं समस्त कार्यकारिणी की ओर से आभार व्यक्त करेगा।

‘गढ़वलि सुदंरकाण्ड’ का किया जाएगा विमोचन
वरिष्काठ सलाहकार जगदीश प्रसाद एवं मुख्सय लाहकार दिनेश सिंह चौहान ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान साहित्याकार चंद्रमोहन ढ़ौंडियाल की ओर से गढ़वाली में अनुवादित ‘गढ़वलि सुंदरकांड’ पुस्तक का मंच की ओर से विमोचन किया जाएगा। ऐसा पटियाला में पहली बार होने जा रहा है। चंद्रमोहन ढ़ौंडियाल ने इस पर कहा कि उन्हें अपनी बोली/भाषा की सेवा करने का मौका मिला है। मेरे लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है कि श्रीरामचरित मानस के पांचवें अध्याय ‘सुंदरकाण्ड’ का अनुवाद श्रीराम के आशीर्वाद से कर पाया।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलकियां रहेंगीं आकर्षण
मंच की निर्देश विनीता चौहान ने बताया कि रविवार 2 अप्रैल 2023 को आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंडी संस्कृति की झलकियां विशेष आकर्षण रहेंगी। इस मौके पर उपप्रधान गरीब सिंह रावत, महासचिव वीर सिंह सेनवाल, सचिव प्रदीप सिंह कठैत, कोषाध्यक्ष गोविंद सिंह रावत, उप कोषाध्यक्ष गिरीश चंद मौजूद रहे।

बच्चों को प्रतिभा निखारने का अवसर मिले: डॉ. जालंधर

पटियाला|आजादी के अमृतोत्सव पर पौड़ी गढ़वाल सभा पटियाला ने परीक्षाओं में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं सभा के सेवानिवृत्त गणमान्यों स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय ध्वज सभा के बायोवृद्ध सदस्य श्री रघुवीर सिंह बिष्ट ने तिरंगा फहराया। राष्ट्र गान के बाद कार्यक्रम आरंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बिहारीलाल जलन्धरी जबकि विशेष अतिथि श्री पीतांबर बडोनी, वेद प्रकाश बडोला और श्री लक्ष्मण सिंह रावत रहे।
पौड़ी गढ़वाल सभा के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभावान बच्चों ने सांस्कृतिक एंव रंगारंग प्रस्तुति दी। मुख्यातिथि डॉ. जालंधरी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों की प्रतिभा निखारने के अवसर प्राप्त होते हैं। इस तरह के आयोजन हर वर्ष होने चाहिए।
उन्होंने प्रवास में निवास करने वाले उतराखण्डी समाज को अपनी मातृभूमि और मातृभाषा की याद दिलाते कहा कि सभी को अपने गांव में पैतृक मकानों को सुरक्षित रखने के लिए काम करना चाहिए। कम से कम साल में दो बार बच्चों का परिचय उस धरती से जरुर कराएं, जहां से आपकी जड़ें मजबूत हुईं।
सभा के अध्यक्ष बीरेंद्र पटवाल ने मेघावी बच्चों की सफलता में माता-पिता की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। सभा के संरक्षक रमेश ध्यानी ने लोगों से गढ़वाली बोलने की अपील की। उन्होंने डॉ. बिहारीलाल जालंधरी के अपणि बोलि अपणि भाषा के राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान की सराहना कर भविष्य में सहयोग देने का वादा किया।
इस अवसर पर सभा के पदाधिकारी महासचिव वीरेंद्र चौहान, कोषाध्यक्ष रणबीर सिंह रावत, धर्मपाल, चंद्र मोहन ढ़ौंडियाल, दयाल सिंह रावत, सुल्तान सिंह राणा, विश्वेश्वर प्रसाद सती, महिपाल चौहान, मनबर सिंह नेगी, घमंड सिंह चौहान, हरिदत्त ढ़ौंडियाल, राजेश ध्यानी, नरेंद्र बुड़ाकोटी, दलबीर सिंह बिष्ट और बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद रहे।

केदारनाथ धाम यात्रा में 15 अगस्त पर टूटा रिकॉर्ड

देहरादनू। 06 मई 2022 से केदारनाथ धाम यात्रा का शुभारंभ हुआ। सिर्फ छह दिनों में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया। अब केवल स्वतंत्रमता दिवस पर 9635 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर केदारनाथ यात्रा के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है।
इस यात्राकाल में केदार धाम के दर्शन करने वालों का आंकड़ा 10,080,83 पहुंच चुका है। ये अपने आप में एक नया रिकाॅर्ड है। पहले साल 2019 में 10,00021 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ पहुंचकर बाबा के दर्शन किए थे।
यात्रा की शुरुआत के 26 दिन में ही 04 लाख से अधिक यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। जुलाई से 15 अगस्त तक डेढ़ महीने में ही धाम में 1,76,483 श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की बढ़ी संख्या की वजह से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए पहले से ज्यादा रोजगार के साधन प्राप्त हुए।

मॉनसून के बाद फिर आ सकती है यात्रा में तेजी
केदारधाम यात्रा के संबंध में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि माॅनसून के बाद यात्रा में फिर तेजी आ सकती है। चारधामों में तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग शुरू की है।

पटियाला में उत्तराखंड समाज ने मनाया आजादी का अमृत महोत्सव, हिलाँस मंच के बच्चों ने पेश किया सांस्कृतिक कार्यक्रम

पटियाला| तर्कशील सभागार में उत्तराखंड हिलांस सांस्कृतिक कला मंच की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। नन्हे-मुन्ने बच्चे देशभक्ति और संस्कृति के रंग में रंगे नजर आए। कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले बच्चों को मुख्य अतिथि उत्तराखंड के भाषाविद डॉ. बिहारीलाल जालंधरी, विशिष्ट अतिथि पूर्व पार्षद श्री ठारू राम, अतिथि श्री जसवीर सिंह व हरीचंद बंसल ने स्मृति चिन्ह देकर प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन समाजसेवी श्री प्रवीन लंगवाल ने रिबन काटकर तथा डॉ. बिहारीलाल जालंधरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्हे उत्तराखंड हिलांस सांस्कृतिक कला मंच की ओर से विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। डॉ. जालंधरी ने उपस्थितजनों को संबोधित करते कहा कि हमें अपने पैतृक गांव से जुड़कर रहना चाहिए। नहीं तो 2026 में होने वाले भू पैमाइश के अनुसार जिसका मकान और जमीन बंजर हो चुके होंगे, उन्हें सरकार अपने कब्जे में कर लेगी। तब प्रवास में स्थाई रूप से रहने वाले उतराखण्डी अपनी पैतृक जमीन से बेदखल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी को अपने घर दोस्तों रिश्तेदारों के साथ अपनी बोली भाषा में बात करनी चाहिए। छोटे-छोटे बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच बीच में सभी समितियों के अध्यक्षों ने अपनी बात रखी।
कार्यक्रम में पटियाला में उत्तराखंड समाज की सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया। जिसमें पौड़ी गढ़वाल सभा के प्रधान श्री बीरेन्द्र पटवाल, उत्तरांचल सभा के अध्यक्ष
श्री जोत सिंह भंडारी, राष्ट्रीय उत्तराखंड सभा पटियाला के अध्यक्ष श्री अशोक नेगी, जन कल्याण समिति की अध्यक्षा श्रीमती सरोज बिष्ट, यू.के. फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष श्री प्रदीप कठैत, एकता नगर सेवा समिति के अध्यक्ष श्री विजय सकलानी, परमार्थ कार्य सेवा समिति के अध्यक्ष पूरण सिंह जीना, खालसा नगर कीर्तन मंडली की अध्यक्षा श्रीमती भाना देवी के साथ सभी समितियों के सदस्य उपस्थित रहे।
मंच संचालन माधौ सिंह बिष्ट व कार्यक्रम का निर्देशन श्रीमती बिनीता चौहान ने किया। उत्तराखंड हिलांस सांस्कृतिक कला मंच के पदाधिकारियों में संयोजक माधो सिंह बिष्ट, चेयरमैन धीरज सिंह रावत, प्रधान हरी सिंह भंडारी, महासचिव बीर सिंह सेनवाल व दिनेश चौहान, जगदीश प्रसाद, गिरीश चंद्र, गरीब सिंह, विरेन्द्र सिंह, नन्दी शाही, कविता मेहरा, पूजा रावत, शीतल तड़ियाल, ममता देवी एवं बच्चों के अविभावक उपस्थित हुए।

हिलांस मंच के 15 वॉलंटियर्स ने राजिंदरा अस्पताल में लगाए कैंप में किया रक्तदान

पटियाला | उत्तराखंड हिलांस सांस्कृतिक कला मंच की ओर से प्रधान दिनेश सिंह चौहान की अध्यक्षता में रक्तदान कैंप आयोजित किया गया। इस दौरान 15 वॉलंटियर्स ने रक्तदान किया। रक्तदानियों में धीरेन्द्र सिंह राणा, अर्जुन कुमार, लखविंदर सिंह, राम सिंह, सुनील प्रधान, पूरन पांडे, गौरव रावत, रवीन्द्र सिंह, भूपेंद्र वैदोला, संदीप सिंह, कुलदीप सिंह, हरविंदर सिंह, मनोज कुमार, फरमान सिंह, रमेश कुमार शामिल रहे।
इस मौके पर चैयरमैन हरी सिंह भंडारी, मुख्य सलाहकार धीरज सिंह रावत, प्रधान दिनेश सिंह चौहान, उप प्रधान गिरीश चंद्र, सचिव वीर सिंह सेनवाल, कोषाध्यक्ष गोबिंद सिंह रावत, उपकोषाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह राणा, उपनिर्देशक विनीता चौहान, मीडिया प्रभारी प्रमोद रावत, निरीक्षक प्रदीप कठैत एवं कार्यकारिणी सदस्य तुलसी मनराल, ममता देवी, लक्ष्मी रावत, बच्चन सिंह रावत, सौरभ पपनोई, दीपक देवली, जगदीश प्रसाद, कविता मेहरा, पूजा रावत, नन्दी शाही, सरोज बिष्ट, लक्ष्मी रावत आदि मौजूद रहे।

रक्तदान कैंप से पहले मंच के चेयरमैन हरी सिंह भंडारी ने संबोधित करते हुए रक्तदान काे महादान बताया। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस नेक काम में आगे आना चाहिए। मंच के मुख्य सलाहकार धीरज सिंह रावत ने बताया कि रक्तदान करने से हमें स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। कौषाध्यक्ष गोबिंद सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि एक व्यक्ति एक बार में केवल एक यूनिट रक्तदान करता है इसलिए किसी भी तरह का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहाकि हम तीन महीने बाद रक्तदान दोबारा कर सकते हैं। इस दौरान उपनिर्देशक विनीता चौहान ने सभी को संबोधित करते कहा कि हमें बढ़ चढ़कर रक्तदान में हिस्सा लेना चाहिए ताकि हर जरुरतमंद इंसान की इलाज के दौरान मदद हो सके। अंत में मंच के प्रधान दिनेश सिंह चौहान ने कहा कि हमारा एक रक्तदान किसी जरुरतमंद की जान बचा सकता है। इस लिए हमें रक्तदान जरूर करना चाहिए। प्रधान दिनेश सिंह चौहान ने मंच के सभी पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों और मेंबरों का आभार जताया।

उत्तराखंड हिलांस सांस्कृतिक कला मंच की ओर से आयोजित इस रक्तदान कैंप में मंच की महिला पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी मेंबर्स ने पूर्ण योगदान दिया। राजिंद्रा अस्पताल की ब्लड बैंक टीम ने मंच के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया। काय्रक्रम के अंत में रक्तदानियों को प्रशंसा पत्र आबंटित किए गए। कैंप को सफल बनाने में मेहनत करने वाले माहनुभवों को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया।

उत्तराखंड हिंलास सांस्कृतिक कला मंच के भविष्य को लेकर एकता नगर में हुआ मंथन

उत्तराखंड हिलांस सांसकृतिक कला मंच की बैठक प्रधान दिनेश सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान मंच के अगामी कार्यक्रमों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। मंच के मुख्य सलाहकार धीरज सिंह रावत ने मंच के भविष्य को लेकर चिंतन किया। चेयरमैन हरी सिंह भंडारी, कोषाध्यक्ष गोबिंद सिंह रावत ने सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर उप प्रधान गिरीशचंद, उप निर्देशक विनीता चौहान ने बताया कि तुलसी मनराल, बबीता रावत, अनित भट्ट, रितु शर्मा, जमुना पुरोहित, नंदी शही, पूजा रावत, कविता मेहरा, पुष्पा गोस्वामी, दीपक सिंह देवली, विक्रम रावत ने मंच की सदस्यता हासिल की।

एकता नगर में हुई मीटिंग के दौरान प्रधान दिनेश चौहान ने सभी नए सदस्यों और पदाधिकारियों का अभिनन्दन किया और कहा कि हम हमेशा अपनी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए तत्पर रहेंगे। चैयरमैन हरि सिंह भडारी ने कहा कि अब हमें टीम में रहकर हर वो काम करने हैं जिससे उत्तराखंड की संस्कृतिक और ऊंचाईयों को छू सके। मंच के कोषाध्यक्ष गोबिंद सिंह रावत ने कहा कि हमने मंच में कई साल काम किया है और भी करते रहेंगे। क्योंकि आज हम यदि समाज में कोई मुकाम रखते हैं तो केवल अपनी संस्कृति की वजह से ही यह संभव हो पाया है। उन्होंने सभी से मंच के हर कार्य में अधिक से अधिक हिस्सा लेने का सभी से आग्रह किया।

गढवाल क्षेत्र का सबसे बड़ा पौराणिक ढाकरी पड़ाव – बांघाट

ढाकर मूलतः एक कबीलाई संस्कृति मानी गयी है जो हरियाणा व राजस्थान के सीमान्त क्षेत्रों में रहा करती थी। वर्तमान में इसका अस्तित्व वजूद में है या नहीं, यह बता पाना सम्भव नहीं है लेकिन हरियाणवी में ढाकर अपभ्रंश होकर ढाकड़ हो गया है। ढाकड शब्द का अर्थ अगर गढवाली शब्दकोष में ढूँढा जाय तो यहाँ पहुँचते-पहुँचते यह शब्द धाकड हो जाता है और आश्चर्य तो यह है कि सभी शब्दों का अर्थ मूलतः ताकतवर या बलवान ही होता है।

ढाकर का भावार्थ अगर उस काल परिस्थिति में ढूंढा जाय जब गढवाल कुमाऊं के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें नहीं थी और सिर्फ दुर्गम पैदल पथ थे तो इसका शाब्दिक अर्थ ढो कर लाना हुआ। भावार्थ की बात करें तो सीधा सा मतलब हुआ किसी भारी बोझे को कंधे में या सिर में रखकर लाना।

ढाकर कब प्रारम्भ हुआ इसका सही-सही प्रांकलन करना बहुत मुश्किल है लेकिन पौड़ी गढवाल के विकासखंड कल्जीखाल पट्टी-असवालस्यूं के मुंडनेश्वर महादेव (खैरालिंग) की उत्पत्ति से जुड़ा एक ढाकरी गीत है :-
“ढाकर पैटी रे माडू थैरवाल।
अस्सी बरस कु बुढया रे माडू थैरवाल।
या फिर
“स्याळआ झमको ओडू नेडू ऐ जावा..
स्याळआ झमकों सात भाई थैर्वाळआ।’ ..।
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