पिथौरागढ़

उत्तराखंड राज्य में कुमाऊं क्षेत्र की खूबसूरत सौर घाटी बसा है हिमालय पर्वत माला का प्रवेश द्वार शहर पिथौरागढ़। शहर की पूर्व दिशा में काली नदी के साथ ही नेपाल शुरू हो जाता है। उत्तर में अल्मोड़ा जिला है। पाल और चंद वंश के समय में बने मंदिर और किले देखने लायक हैं। आओ जानें शहर पिथौरागढ़ की अन्य खासियतों के बारे में…

15वीं सदी में कुछ समय के लिए पिथौरागढ़ में ब्रह्म शासकों का शासन रहा लेकिन इसके बाद चंद राजवंश के शासकों ने इस पर फिर अधिकार स्थापित कर दिया। शहर चीड़ व ओक के वनों से घिरा है इसके अलावा यहां कई अन्य आकर्षण भी हैं, इसी वजह से यह शहर शासकों के आकर्षण का केंद्र बना रहा है। तांबा, चूना पत्थर, स्लेट और मैग्नीशियम जैसे प्राकृतिक संसाधनों ने भी शासकों का ध्यान इस ओर केंद्रित किया। बाघ, पहाड़ी सांभर, अन्य जानवरों, पक्षियों व सरीसृपों को देखने है तो पिथौरागढ़ से अच्छी भला और कौन सी जगह हो सकती है। इसके अलावा पिथौरागढ़ में चर्च, मिशन स्कूल और अंग्रेजों के समय में बनीं अन्य कई इमारतें हैं। भगवान शिव को समर्पित कपिलेश्वर महादेव मंदिर, जिसमें ऋषि कपिल ने तप किया, शहर से 8 किलोमीटर दूर थल केदार, 20 किलोमीटर दूर अभयारण्य अशरचूला देखने लायक है, मुनस्यारी, मिल व रालम ग्लेशियर, 1789 में गोरखों की ओर से बनवाया पिथौरागढ़ का किला, शहर पिथौरागढ़ से 68 किमी की दूरी पर स्थित जौलजीबी में गोरी और काली नदी का संगम, चंडाक, ध्वज मंदिर, डीडीहाट, नारायण आश्रम, झूलाघाट, कोटगरी देवी मंदिर, मोस्तमनु मंदिर, अर्जुनेश्वर मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। गोरी व काली नदी के संगम स्थल पर मेला लगता है जो पहली बार 1 नवंबर 1914 में लगा था, अब यह मेला काफी मशहूर हो चुका है। पिथौरागढ़ टाउन से 4 किमी दूर नकुलेश्वर मंदिर खजुराहो स्थापत्य शैली में बना है। पिथौरागढ़ में साहसिक खेलों के भरपूर साधन मौजूद हैं। पैराग्लाइडिंग और स्कीइंग यहां बहुत मशहूर है।

पिथौरागढ़ कैसे जाएं
-इस जगह जानें के लिए हर जगह से बसों की सुविधा उपलब्ध है।
-सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है, यहां से सभी तरह के वाहनों की सुविधा उपलब्ध हैं।
-सबसे नजदीक हवाई हड्‌डा पंतनगर है। यहां से निजी तौर पर टैक्सी बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है।

पिथौरागढ़ किस मौमस में जाएं
यहां घुमने के इच्छुक पर्यटक गर्मियों में आएं तो उन्हें बहुत सुकून मिलेगा, मौसम खुशनुमा होता है।

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